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औरतें
Book Details
- Choose Book Type:
- Pages:296 pages
- Edition Year:2025
- Publisher:Parikalpana Prakashan
- Language:Hindi
- ISBN:9788187425045
Book Description
जिस तरीक़े से गालेआनो इस दुनिया के कितने ही जाने-अनजाने हिस्सों से इतिहास के पन्नों में दर्ज तथा उससे ओझल रह गयी औरतों की कहानियाँ सामने लाते हैं, वो हमारे देश-गाँव की अनगिनत नाम-अनाम औरतों की कहानियाँ बन जाती हैं। वही औरतें, जो अपने-अपने मायनों में एक-दूसरे से समय और काल के अलग-अलग छोरों पर रहने के बावजूद कुछ ख़ास मायनों में एक-सी असाधारण हैं। हम इनमें से कईयों को नहीं जानते, क्यूँकि कई तो हमारे इतने आस-पास मौजूद रही हैं, वे साधारण घरों और गलियों की ऐसी औरतें हैं, कि हमने उनका नोटिस ही नहीं लिया है। किसी सरकारी या बौद्धिक इतिहास ने भी उनकी कहानियाँ पूरी बारीक़ियों में बताने की ज़रूरत महसूस नहीं की है।
...किताब के अन्दर जायें, तो आपको गालेआनो का रचा पूरा का पूरा संसार मिलेगा। यहाँ हज़ारों साल पहले हुई और आज तक हमारी कथाओं, किंवदन्तियों, गप्पों और बहसों का हिस्सा रहीं क्लिओपेट्रा, त्लासोल्तेओत्ल, तेओदोरा, हिपातिया तथा दूसरी किरदार आती हैं, तो वहीं पिछली पाँच-छह सदियों की वे औरतें भी जो अपने कहे, लिखे और किये से पूरी दुनिया को उनके लिए, हम सबके लिए बेहतर बनाने के लिए लड़ती रहीं। पूरी ज़िद्द से, सारे ख़तरे उठाकर, मार दिये जाने तक तथा उसके बाद भी। यहाँ हम दोमितिला से मिलेंगे, जो बोलीबिया के खान मजूरों के इलाक़े में घूरे पर फ़ेंक दी गयी अपनी ज़िन्दगी से उठकर उस देश की सैन्य तानाशाही से लोहा ले उसे अपनी दूसरी साथियों के साथ घुटने पर ला देने वाली जुझारू शख़्सियत बन जाती है। हम यहाँ फ़्रांसीसी क्रान्ति के बाद स्त्री-अधिकारों की आवाज़ बुलन्द करने के ‘जुर्म’ में मौत की सज़ा देने वाली गुलोटीन पर चढ़ा दी गयी ओलम्पिया द गूजे से रू-ब-रू होते हैं, तो मतदान के अपने अधिकार के लिए संयुक्त राज्य अमरीका के सुप्रीम कोर्ट तक से भिड़ जाने वाली सुसान एंथनी से भी वाक़िफ़ होते हैं।
...गालेआनो उन औरतों की ज़िन्दगी और ख़यालात में भी दाख़िल होने का मौक़ा बनाते हैं, जो कुछ ऐसे जीती, ऐसा करती और कहती हैं, जो हमें इन्सानियत तथा सृष्टि की सभी अभिव्यक्तियों के साथ राग-प्रेम के तार जोड़ने की कई मिसालें दे जाता है।
मूल स्पेनी से इसका बहुत ही सुन्दर अनुवाद स्पेनी भाषा के शिक्षक व अध्येता पी. कुमार मंगलम ने किया है। कहानियों में आये पात्रों और घटनाओं आदि के बारे में उनकी टिप्पणियाँ और कविता कृष्णपल्लवी का लिखा गालेआनो का विस्तृत परिचय किताब को और भी पठनीय व मूल्यवान बना देते हैं।