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समाजवाद की समस्याएँ, पूँजीवादी पुनर्स्थापना और महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति
Book Details
- Choose Book Type:
- Pages:72 pages
- Edition Year:2017
- Publisher:Rahul Foundation
- Language:Hindi
- ISBN:978-9380303277
Book Description
प्रस्तुत निबन्ध माओ जन्म शतवार्षिकी निबन्धमाला के अन्तर्गत ‘दायित्वबोध’ (वर्ष 2, अंक 3, नवम्बर-दिसम्बर 1993) में प्रकाशित हुआ था, पर इसे लिखा मई 1990 में गया था। सर्वप्रथम इसे ‘मार्क्सवाद ज़िन्दाबाद मंच’ के तत्त्वावधान में गोरखपुर में आयोजित पाँच दिवसीय अखिल भारतीय संगोष्ठी (6 जून-10 जून, 1990) में आधार-आलेख के रूप में प्रस्तुत किया गया था। उक्त संगोष्ठी का विषय था : ‘समाजवाद की समस्याएँ, पूँजीवादी पुनर्स्थापना और महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति।’ यह निबन्ध माओ त्से-तुङ के चिन्तन के आलोक में, उस समय, यानि 1990 में, तत्कालीन सोवियत संघ और पूर्वी यूरोप के देशों में घट रही घटनाओं का वर्ग-विश्लेषण करने के साथ ही पूँजीवाद की पुनर्स्थापना के कारणों और समाजवाद की समस्याओं का सम्यक विश्लेषण करते हुए माओ त्से-तुङ के सर्वप्रमुख युगान्तरकारी अवदानों को रेखांकित करता है।