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लालटेन जलाना

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  • Pages:136 pages
  • Edition Year:2008
  • Publisher:Parikalpana Prakashan
  • Language:Hindi
  • ISBN:9788189760250


Book Description

विष्णु खरे की कविता जीवन और सृजन के उद्गम स्थलों की खोज और उनके क्षितिज-विस्तार के उपक्रमों को एक चुनौती के रूप में स्वीकार करती है और अपने पाठकों की संवेदना और विवेक के समक्ष स्वयं एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत होती है। यह उद्विग्नता-विकलता से पैदा होती है और उद्विग्नता-विकलता पैदा करती है। प्रस्तुत संकलन में शामिल कविताएँ ‘सबकी आवाज़ के पर्दे में’ (राधाकृष्ण, 1994), ‘पिछला बाक़ी’ (राधाकृष्ण, 1998) और ‘काल और अवधि के दरमियान’ (वाणी प्रकाशन, 2003) में शामिल कविताओं में से चुनी गयी हैं। ‘पिछला बाक़ी’ में अशोक वाजपेयी (जयश्री प्रकाशन, दिल्ली) द्वारा सम्पादित काव्य पुस्तिका ‘पहचान’ और ‘ख़ुद अपनी आँख से’ संकलन की सभी कविताओं के अतिरिक्त उस समय तक असंकलित अधिकांश कविताएँ शामिल थीं। यानी इस संकलन की कविताओं का चयन विष्णु खरे की 2003 तक प्रकाशित लगभग सभी कविताओं में से किया गया है।




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Vishnu Khare

हिन्दी कवि

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